माँ तो सबकी अच्छी होती है पर जाने क्यों लगता है ऐसा..
वो सब तो तारे हैं बस मेरी माँ का प्यार है चाँद के जैसा ..
पा को तो है सबने पाया, जाने क्यों लगता है ऐसा..
मेरे पा में है बागवान समाया,
पाई होंगी हज़ारों ने बहने,फिर क्यूँ मुझको लगता है ऐसा
वो है सुंदरता के गहने .
पाया होगा सबने भाई, जाने क्यू फिर लगता है
भाई नही हमने कोई दुआ है पाई
परिवार तो होता है सबका, पर क्यूँ मुझको लगता है ऐसा
मेरा परिवार है बगिया जैसा
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